Generation of Computer in Hindi | कंप्यूटर की पीढियां

Generation of Computer in Hindi

Generation of Computer in Hindi : दोस्तों आप जानते हैं हैं कि हमारे भारत देश में बढ़ती technology में कहीं ना कहीं कंप्यूटर भी शामिल है जिस प्रकार समय बदलता जा रहा है ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर की पीढ़ी में भी बढ़ोतरी हो रही है। लगभग सभी लोग पीढ़ी को generation के नाम से जानते हैं जो कि अंग्रेजी का शब्द है आज का यह लेख जिसमें हमने Generation of Computer संबंधित जानकारी को प्रस्तुत किया है जिसमें हम आपको कंप्यूटर की बढ़ती Technology और Generation के बारे में बताएंगे।

क्योंकि आज यदि हमें किसी भी field या स्तर में कार्य करना है तो हमें कंप्यूटर का सहारा लेना पड़ेगा अर्थात दूसरे शब्दों में हम बोल सकते हैं कि आज हर एक स्तर में कंप्यूटर का उपयोग होता है यदि बात करें कंप्यूटर के पहली पीढ़ी की जो कि सन 1940 में बना था वह size में भी बड़ा था साथ ही इसकी कार्य शक्ति भी धीमी थी क्योंकि यह सबसे पहला कंप्यूटर था इसलिए इसमें बहुत कम अविष्कार या Features देखने को मिलते हैं।

लेकिन उस समय का यह invention दुनियाभर में चर्चित था जिस प्रकार दिनोंदिन लोगों की जरूरत बढ़ती गई, ठीक उसी प्रकार computer में नए-नए आविष्कार और features को बढ़ाकर कंप्यूटर की generation में वृद्धि की गई इसी Generation of Computer को आज हम इस लेख में जानेंगे।

आपने भी First generation, second generation, third generation, fourth generation, fifth generation, ऐसा नाम जरूर सुना होगा और आपके मन में भी अवश्य यह प्रश्न उठा होगा कि आखिर यह generation होता क्या है यह क्या first, second, third, fourth, fifth, लोग बोलते हैं तो दोस्तों हम इस लेख के माध्यम से generation of computer से संबंधित संपूर्ण जानकारी को आपको बताएंगे।

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Generation of Computer in Hindi

दोस्तो आप सभी ने कंप्यूटर तो अवश्य ही देखा होगा और उपयोग भी किया होगा लेकिन आप में से कई लोग ऐसे होंगे जिन्हें कंप्यूटर जनरेशन के बारे में कुछ भी नॉलेज नहीं होगी अर्थात वह इस जनरेशन शब्द से हमेशा कंफ्यूज रहते हैं तो आज इस लेख में हम आप सभी को जनरेशन ऑफ कंप्यूटर की जानकारी देंगे आखिर किस आधार पर कंप्यूटर के जेनरेशन डिसाइड होते हैं।

यदि हम आपको जनरेशन ऑफ कंप्यूटर एक आसान भाषा में समझाना चाहे तो हम बोल सकते हैं कि वह समय अवधि जिसमें कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी का विकास हुआ था उस टाइम पीरियड को हम जनरेशन का नाम देते हैं।

जैसे-जैसे समय के साथ टेक्नोलॉजी बढ़ती गई थी उसी प्रकार कंप्यूटर में भी नए नए अविष्कार हुए। कंप्यूटर की टेक्नोलॉजी को और ज्यादा विकसित किया गया उसी के आधार पर हम कंप्यूटर की जनरेशन को जानते हैं।

अभी तक लगभग कंप्यूटर की टेक्निक को विकसित होने में पांच पीढ़ियों का समय अर्थात आप बोल सकते हैं की जनरेशन ऑफ कंप्यूटर अभी पांच है।

कंप्यूटर ऑफ जनरेशन निम्नलिखित है।

  1. प्रथम पीढ़ी का कंप्यूटर ( 1940 से 1956 तक )
  2. दूसरी पीढ़ी का कंप्यूटर ( 1956 से 1963 तक )
  3. तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर ( 1964 से 1971 तक )
  4. चौथी पीढ़ी का कंप्यूटर ( 1971 से 1985 तक )
  5. पांचवी पीढ़ी का कंप्यूटर ( वर्तमान में मौजूद है।)

आपके के सामने यह 5 पीढ़ी के कंप्यूटर मौजूद है जिन्हें उनकी समय अवधि में बांटा गया है हम यह पांचो पीढ़ी के कंप्यूटर को डिटेल से जानेंगे साथी हम आपको यह बता देगी पांचवी पीढ़ी का कंप्यूटर सबसे ज्यादा एडवांस है। क्योंकि यह वर्तमान में कार्य कर रहा है चलिए आइए कंप्यूटर ऑफ जनरेशन की पांचो पीढ़ी को जानते हैं।

#1. First Generation of Computer

पहले पीढ़ी का कंप्यूटर 1940 में बनाया गया था यह दुनिया का सबसे बड़ा और पहला कंप्यूटर था। निरंतर इस कंप्यूटर में परिवर्तन किया गया और इसकी जनरेशन को बढ़ाया गया तो आइए प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर की पूरी जानकारी को जानते हैं।

  • पहली पीढ़ी के कंप्यूटर साइंस में बहुत बड़े थे क्योंकि उस समय इतनी ज्यादा टेक्नोलॉजी का विकास नहीं हुआ था। इस कारण बस कंप्यूटर का साइज बहुत बड़ा हुआ करता था आप ने जरूर सुना होगा कि प्रथम पीढ़ी कंप्यूटर को एक कमरे में रखा जाता था आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना बड़ा कंप्यूटर हुआ करते थे।
  • पहली पीढ़ी कंप्यूटर को 1940 में बनाया गया था तथा दूसरे कंप्यूटर को पीढ़ी के कंप्यूटर को आने में 16 वर्ष लग गए अर्थात 1956 में दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का निर्माण हुआ।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में कांच के बने व्यक्तियों का प्रयोग किया जाता था क्योंकि यह कंप्यूटर था इसलिए इन कंप्यूटर में हजारों की संख्या में व्यक्तियों का इस्तेमाल होता था जिस कारण का साइज पहुंच बड़ा था।
  • चुकी यह कंप्यूटर का प्रथम इन्वेंशन था इस कारण इस कंप्यूटर में बहुत सारी खामियां थी साथ ही इस कंप्यूटर का उपयोग करना खतरे से खाली नहीं था यह विश्वास ही नहीं थे और जल्द गरम हो जाते थे।
  • यदि पहले पीढ़ी के कंप्यूटर के उपयोग की बात करें तो सिर्फ उस समय के कंप्यूटर का उपयोग गणना करने डाटा को स्टोर करने और वैज्ञानिक कार्यों के लिए किए जाते थे।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों में ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया जाता था।
  • क्योंकि यह एडवांस लेवल का कंप्यूटर नहीं था। इसलिए इन कंप्यूटरों में प्रोग्रामिंग करना भी बहुत ज्यादा मुश्किल था साथिया बिजली की खपत भी ज्यादा करते थे।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण :

  • IBM-701
  • EDSAC
  • IBM 650
  • ENIAC
  • EDVAC
  • UNIVAC

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटरों से फायदा

  • इस कंप्यूटर का उपयोग केवल गणना करने के लिए किया जाता था इस कंप्यूटर में मिली सेकंड में भी गणना की जा सकती थी।
  • क्योंकि उस समय कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल हुआ करता था इसलिए वेक्यूम ट्यूब आसानी से मिल जाया करते थे।
  • उस समय वेक्यूम ट्यूब ज्यादा महंगे नहीं थे इस कारण वेक्यूम ट्यूब की technology ज्यादा विकसित थी।
  • उस समय के कंप्यूटरों में वैज्ञानिक कार्य कर सकते थे लेकिन सिर्फ अपना अनुमान लगाने के लिए।
  • प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में इनफॉरमेशनल डाटा को स्टोर करने की क्षमता ज्यादा थी।

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर से निम्नलिखित नुकसान देखने को मिलते हैं।

  • क्योंकि इस कंप्यूटर का साइज बहुत बड़ा था इस कारण इसका रखरखाव बड़ा मुश्किल था।
  • इन कंप्यूटर का ज्यादा उपयोग करने में यह काफी ज्यादा गरम हो जाया करते थे।
  • 1940 के समय कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए एयर कंडीशनर का उपयोग किया जाता था।
  • क्योंकि यह आकार में बहुत ज्यादा बड़े थे इस कारण बिजली की खपत ज्यादा होती थी।
  • इसमें केवल मशीनी लैंग्वेज का ही उपयोग होता था प्रोग्रामिंग लैंग्वेज कर पाना बहुत मुश्किल था।

#2. Second Generation of Computer

प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर में कुछ चीजों को सुधारा गया साथ ही साथ कुछ टेक्निकल इंस्ट्रूमेंट का उपयोग करके इसे और ज्यादा विकसित किया गया। तब जाकर 1956 में दूसरी पीढ़ी का कंप्यूटर बना जिसके बारे में निम्नलिखित जानकारी प्रस्तुत है।

  • दुसरे पीढ़ी के कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर उपकरण का उपयोग किया जाने लगा क्योंकि यह वेक्यूम ट्यूब के मुकाबले काफी छोटा होता था।
  • ट्रांजिस्टर के उपयोग के चलते कंप्यूटर का साइज पहली पीढ़ी के मुकाबले छोटा हो गया जिस कारण इसे रखना प्रथम पीढ़ी के मुकाबले सरल हो गया।
  • दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत 1956 से हुई साथ ही यह 1963 तक चला।
  • हालांकि वेक्यूम ट्यूब भी काफी ज्यादा सस्ते थे लेकिन वेक्यूम ट्यूब से भी सस्ता ट्रांजिस्टर था जो किस साइज में भी छोटा और काफी तेज काम करता था।
  • इस पीढ़ी में मशीनिंग लैंग्वेज के अलावा असेंबली लैंग्वेज और हाई लेवल लैंग्वेज का इस्तेमाल भी किया जाना भी संभव हो गया।
  • द्वितीय पीढ़ी के कंप्यूटरों में बैच प्रोसेसिंग और मल्टीपल प्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग संभव हो गया।

दुसरे पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण

हम आपको दूसरे पीढ़ी के कुछ कंप्यूटरों का उदाहरण दे रहे हैं जिसके माध्यम से आप समझ सकते हैं कि उस समय किन-किन कंप्यूटर का उपयोग किया जाता था।

  • Honeywell 400CDC 3600
  • IBM 7094
  • UNIVAC 1108
  • CDC 1604

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

प्रथम पीढ़ी के बाद जब दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर का आविष्कार हुआ उस समय इस कंप्यूटर में वेक्यूम ट्यूब की जगह ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाने लगा जिस कारण इसका साइज काफी कम हो गया। आइए जानते हैं दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे जो कि निम्नलिखित हैं।

  • पहली पीढ़ी के तुल्ला दूसरी पीढ़ी का कंप्यूटर का साइज काफी ज्यादा छोटा था।
  • दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर काम करते वक्त ज्यादा गर्म नहीं होते थे प्रथम पीढ़ी के मुकाबले।
  • क्योंकि इनका आकार छोटा था इसलिए यह बिजली की खपत भी कम करते थे।
  • दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर की कार्य क्षमता भी अधिक थी और यह काफी ज्यादा स्पीड में काम करते थे।
  • यह कंप्यूटर माइक्रोसेकंड में कैलकुलेशन किया करते थे।
  • क्योंकि यह कंप्यूटर साइज में छोटे थे इसलिए इनकम मैनेजमेंट, रखरखाव और ऑपरेटिंग बहुत ही आसान हो गई थी।
  • यह कंप्यूटर विश्वास नहीं हो गए थे जिसके ऊपर हम विश्वास कर सकते थे साथ ही इसकी accuracy भी अधिक थी।

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान

दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान निम्नलिखित है।

  • पहले पीढ़ी के मुकाबले दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर कम गरम हुआ करते थे लेकिन गरम होते थे जिस कारण हमें ऐसी का उपयोग करना पड़ता था।
  • हालांकि ट्रांजिस्टर का उपयोग करने से कंप्यूटर के साइज में घटाओ आया है लेकिन फिर भी इसके रखरखाव मे दिक्कत देखने को आती थी।
  • जिस प्रकार पहली पीढ़ी में कंप्यूटर के इनपुट के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया जाता था ठीक उसी प्रकार दूसरी पीढ़ी में भी इसे परिवर्तित नहीं किया गया पंच कार्ड का प्रयोग निरंतर जारी था।

#3. Third generation of Computer

दूसरे पीढ़ी के बाद समय बदलता गया नए नए अविष्कार कंप्यूटर में किए गए और ठीक 1964 के समय तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर देखने को मिला जोकि दूसरी पीढ़ी से कुछ एडवांस था जिसके बारे में हम नीचे बात करेंगे।

  • दूसरे पीढ़ी के कंप्यूटर में हम ट्रांजिस्टर का उपयोग करते थे लेकिन अब ट्रांजिस्टर की जगह (IC) इंटीग्रेटेड सर्किट का उपयोग किया जाने लगा जिस कारण इसका नाम थर्ड जनरेशन पड़ा।
  • कंप्यूटर के तीसरी पीढ़ी की शुरुआत 1964 में हुई जोकि 7 वर्ष तक बरकरार रही 1971 के बाद पीढ़ी में परिवर्तन देखने को मिला।
  • जब तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर आया तब तक क्षेत्र में काफी ज्यादा विकास हो चुका था और इस पीढ़ी के कंप्यूटर में एडवांस और मॉडर्न चीजें देखने को मिली।
  • क्योंकि ट्रांजिस्टर की जगह आईसी का उपयोग किए जाने लगा और आईसी एक चिप की तरह होती है जिसका साइज बहुत छोटा होता है इस कारण कंप्यूटर का साइज भी घट गया।
  • आईसी एक तरह की चिप है जोकि सिलिकॉन धातु से बनी होती है इसलिए कई लोग इसे सिलीकान चिप भी करते हैं।
  • यह एडवांस लेवल का कंप्यूटर था इसलिए यह ज्यादा विश्वास नहीं था।
  • दूसरे पीढ़ी कंप्यूटर के मुकाबले तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर की स्पीड काफी ज्यादा थी।
  • तीसरे पीढ़ी के कंप्यूटर की मेमोरी क्षमता भी काफी ज्यादा थी।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम और टाइम शेयरिंग का उपयोग भी किया जाने लगा।
  • इस प्रकार के कंप्यूटरों में हाई लैंग्वेज जैसे को Cobol, Pascal आदि का उपयोग करना संभव हो गया।

तीसरी पीढ़ी का कंप्यूटर के उदाहरण

  • Honeywell-6000
  • DEC series
  • ICL 2900
  • IBM 370
  • PDP-11
  • UNIVAC 1108

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से फायदे

  • सबसे प्रमुख फायदा तो यह है कि इस कंप्यूटर का साइज बहुत छोटा हो गया क्योंकि अब ट्रांजिस्टर की जगह आईसी प्लेट का प्रयोग किया जाने लगा।
  • कंप्यूटर गर्म नहीं होते थे।
  • Programming करना बहुत आसान था।
  • कंप्यूटर को मेंटेन करना काफी ज्यादा आसान हो गया।
  • कंप्यूटर के स्पीड में बढ़ोतरी हुई स्टोरेज काफी ज्यादा हो गया।

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान

  • क्योंकि सिलिकॉन प्लेट महंगी होने की वजह से कंप्यूटर का रेट महंगा हो गया।
  • आईसीसी को का रिपेयरिंग करना असंभव था।
  • आईसी चिप के साथ काम करने के लिए विशेष कार्यकर्ताओं की आवश्यकता होती थी।

#4. Fourth generation of Computer

  • चौथे पीढ़ी कंप्यूटर की शुरुआत 1970 में हुई जो कि 1985 तक चली।
  • चौथे पीढ़ी के कंप्यूटर में आईसी प्लेट की जगह माइक्रो प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाने लगा जिसे LSI circuit के नाम से जानते हैं।
  • कंप्यूटर की स्पीड में बढ़ोतरी हुई साइज में कमी आई फीचर्स बहुत सारे देखने को मिले।
  • इस पीढ़ी के कंप्यूटर में हाई लेवल लैंग्वेज कैसे C, C++ आदि का उपयोग करना आसान हो गया।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का उदाहरण

  • Micral
  • IBM 5100
  • Altair 880

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर से फायदे

  • तीसरी पीढ़ी के मुकाबले चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर की स्पीड काफी अच्छी थी।
  • Size में छोटे होते  है।
  • एसी की जगह कूलिंग फैन का उपयोग किया जाने लगा।
  • यह हाई लेवल लैंग्वेज का सपोर्ट करते हैं।

चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान

  • Microprocessor का इस्तेमाल किया जाने लगा जिसे बनाना बहुत मुश्किल है।
  • माइक्रोप्रोसेसर स्कोर बनाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की आवश्यकता पड़ती है।

#5. Fifth generation of Computer

  • पांचवी पीढ़ी का उपयोग वर्तमान में किया जाता है यह सभी पीढ़ियों से बेहतर और एडवांस है।
  • यह कंप्यूटर बिल्कुल इंसानों की तरह कार्य और व्यवहार करता है।
  • पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर में artificial  intelligence का उपयोग किया जाने लगा है।
  • वर्तमान में पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर का ही उपयोग भारत देश में हो रहा है जिसमें हाई लैंग्वेज भाषा जैसे C, C++, JAVA, .NET आदि का उपयोग किया जाता है।
  • गेमिंग की दुनिया में भी इस कंप्यूटर का उपयोग मनोरंजन, रोबोट बनाने में किया जा रहा है।
  • ऐसी संभावना भी है कि छठवीं पीढ़ी कंप्यूटर भी देखने को मिल सकता है।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण

  • डेस्कटॉप
  • वर्क स्टेशन
  • नोटबुक
  • परम सुपर कंप्यूटर
  • लैपटॉप

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के फायदे

  • चौथी पीढ़ी के मुकाबले पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर की स्पीड काफी ज्यादा है और अच्छी है।
  • रिपेयरिंग करना काफी ज्यादा आसान है।
  • साइज में भी बहुत छोटा है।
  • वजन में भी हल्का है।
  • मेंटेनेंस भी बहुत कम है।

पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर से नुकसान

  • इस कंप्यूटर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ई का उपयोग किया जाता है लेकिन अभी इसे पूर्ण रूप से develop नहीं किया गया है।
  • इस जनरेशन के कंप्यूटर को बनाने के लिए complex Tool का उपयोग होता है।
  • कंप्यूटर में हैकिंग की समस्या भी देखने को मिलती है।

निष्कर्ष :-

दोस्तों आज के इस लेख में हमने Generation of Computer in Hindi से संबंधित सभी जानकारी को प्रस्तुत किया है हम आशा करते हैं कि यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण रही होगी,, धन्यवाद।।

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