Computer Memory in Hindi | कंप्यूटर मेमोरी क्या है?

कंप्यूटर मेमोरी क्या है?

Computer Memory in Hindi : दोस्तों आज के इस आर्टिकल में मैं आपको कंप्यूटर मेमोरी के बारे में बताऊंगा की कंप्यूटर मेमोरी क्या है? What is Computer Memory in Hindi कंप्यूटर मेमोरी और इसके प्रकार को हमने बहुत ही आसान भाषा में नीचे के आर्टिकल में बताया है, तो हमारे आज के इस आर्टिकल को आप आखिर तक अवश्य पड़े हमने इस आर्टिकल में कंप्यूटर मेमोरी से जुड़ी तमाम जानकारियां आप तक पहुंचाने का कार्य किया है।

कंप्यूटर मेमोरी क्या है? Computer Memory in Hindi

कंप्यूटर मेमोरी कंप्यूटर के अंदर की एक ऐसी डिवाइस होती है, जिसके अंदर हमारा उत्तर से होता है और सूचना स्टोर की जाती है अगर हम इसे आसान भाषा में कहे तो कंप्यूटर मेमोरी एक बहुत ही महत्वपूर्ण कंप्यूटर का हिस्सा है, क्योंकि बिना मेमोरी के बिना तो कंप्यूटर कार्य ही नहीं कर सकता एक प्रकार से ही है कंप्यूटर का दिमाग होता है।

जिस प्रकार मनुष्य अपना सभी डाटा अपने दिमाग के अंदर स्टोर करके रखता है, उसी प्रकार कंप्यूटर अपनी मेमोरी के अंदर सभी डाटा व सूचना को स्टोर कर के रखता है। इसीलिए इसे कंप्यूटर का दिमाग कहते हैं कंप्यूटर मेमोरी एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसका प्रयोग कंप्यूटर अपने अंदर उत्तर से और सूचना को जमा करने के लिए करता है अपने कार्य की पूर्ति कंप्यूटर मेमोरी की सहायता से ही करता है।

कंप्यूटर की मेमोरी को कई अलग-अलग भागों में बांटा गया है, जिसे हम सेल के नाम से जानते हैं बायनरी के रूप में इन सेल में डाटा सेव होता है कंप्यूटर मेमोरी के अंदर हम इनपुट और आउटपुट दोनों डाटा ही सेव कर सकते हैं, या दोनों डाटा को सेव करने में सक्षम है।

कंप्यूटर मेमोरी के बहुत से प्रकार है, जो कि कुछ इस प्रकार है।

  • प्राइमरी मेमोरी (primary memory)
  • सेकेंडरी मेमोरी (secondary memory)
  • कैश मेमोरी (case memory)
  • रजिस्टर मेमोरी (register memory)

इन सभी मेमोरीज के बारे में हमने नीचे विस्तार से बताएं हैं।

कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार

  • प्राइमरी मेमोरी (primary memory)
  • सेकेंडरी मेमोरी (secondary memory)
  • कैश मेमोरी (case memory)
  • रजिस्टर मेमोरी (register memory)

1. प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory)

कंप्यूटर की सबसे अहम मेमोरी प्राइमरी मेमोरी होती है जो कंप्यूटर के अंदर के सभी डाटा और सूचना को स्टोर करने का कार्य करती है। अगर हम सही भाषा में इसका अनुवाद करें तो कंप्यूटर मेमोरी एक प्रकार की प्राइमरी मेमोरी है, इसे हम सीपीयू के माध्यम से सीधा एक्सेस कर सकते हैं।

प्राइमरी स्टोरेज के नाम से भी प्राइमरी मेमोरी को जाना जाता है, जो कि कंप्यूटर के मदरबोर्ड पर स्थित रहती है अर्धचालक पदार्थ से प्राइमरी मेमोरी को बनाया जाता है

इन मेमोरी की भी एक क्षमता होती है जिसके अंदर आप एक लिमिट तक ही डाटा को स्टार्ट कर सकते हैं। इसी कारण यह बहुत कम मात्रा में ही डाटास्टोर कर पाती है  4 GB के लगभग एक कंप्यूटर के अंदर प्राइमरी मेमोरी का साइज होता है।

Volatile और Non Volatile दो प्रकार की प्राइमरी मेमोरी होती है Volatile मेमोरी के अंदर आपका डाटा जब तक ही सेव रहता है जब तक आपका कंप्यूटर ऑन रहता है। आपके कंप्यूटर को ऑफ करने के पश्चात यह डाटा डिलीट हो जाता है। जबकि Non Volatile मेमोरी के अंदर ऐसा नहीं होता है। यह आपका डाटा को कंप्यूटर के बंद होने के बाद भी सेव करके रखता है और यह आपका डाटा को कभी भी डिलीट नहीं करता जब तक आप खुद अपने डेटा को डिलीट ना कर दें।

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इन मेमोरीज के दो प्रकार है।

  1. RAM  (random access memory)
  2. ROM  (read only memory)

1. RAM (रैम)

(रेंडम एक्सेस मेमोरी) RAM का पूरा नाम है रैम के अंदर जब तक आपका कंप्यूटर on है, तब तक आपका डाटा सेव रहेगा आपके कंप्यूटर के off होने पर यह डाटा डिलीट हो जाएगा। इसलिए हम इसे Volatile मेमोरी के नाम से भी जानते हैं।

सिस्टम मेमोरी के नाम से भी रैम को जाना जाता है अगर आप इसके अंदर डाटा को एक्सेस कर रहे हैं तो आपको इसके अंदर डाटा एक्सेस करने के लिए बिजली की आवश्यकता होगी अगर किसी कारण वंश आपकी बिजली चली जाती है, तो इसमें मौजूद आपका सारा डाटा अपने आप ही डिलीट हो जाता है।

रैम के अंदर मौजूद कंप्यूटर सभी डाटा को बहुत ही रफ्तार से एक्सेस करता है, इसी कारण कंप्यूटर अपने कार्य को जल्दी से पूर्ण कर पता है।

RAM के अंदर दो प्रकार का डाटा मौजूद रहता है।

 पहला SRAM (स्टेटिक रैंडम एक्सेस मेमोरी) और दूसरा DRAM (डायनामिक रैंडम एक्सेस मैमोरी)

2. ROM (रोम

ROM का पूरा नाम (रीड ओनली मेमोरी) होता है, नॉन वोल्टेज किस्म की यह मेमोरी होती है, जो कि आपका डाटा को कंप्यूटर के अंदर हमेशा के लिए सेव करके रखती है, यह आपका डाटा को तब तक से रखती है जब तक आप खुद उसे डाटा को डिलीट नहीं कर दें।

यदि आपके कंप्यूटर पर काम करने के दौरान किसी कारण वंश बिजली चली जाए तो कंप्यूटर के अंदर आपका डाटा डिलीट नहीं होगा आपका वह डाटा ROM के अंदर से हो जाता है। रोम के अंदर आप अपने डेटा को परमानेंटली से कर सकते हैं, लेकिन आप RAM के अंदर अपने डेटा को परमानेंटली सेव नहीं कर सकते।

ROM के अंदर भी आपको तीन  प्रकार देखने को मिल जाते हैं, इसका पहला प्रकार PROM (प्रोग्रामेबल रीड ऑनली मैमोरी) दूसरा EPROM (एरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ऑनली मैमोरी) और तीसरा EEPROM (इलेक्ट्रिकली इरेजेबल प्रोग्रामेबल रीड ऑनली मैमोरी)

प्राइमरी मेमोरी की विशेषताएं

  • प्राइमरी मेमोरी मौजूद डाटा को तेज रफ्तार से एक्सेस करने का कार्य करती है।
  • कैश मेमोरी के बाद अगर हम सबसे ज्यादा पेड़ की बात करें तो दूसरे नंबर पर प्राइमरी मेमोरी का ही नाम आता है।
  • प्रोग्राम को रन और कंप्यूटर को ऑन करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • यह एक अर्धचालक पदार्थ से बनी होती है।
  • मदरबोर्ड के अंदर प्राइमरी मेमोरी मौजूद होती है।
  • इस मेमोरी के अंदर आप ज्यादा मात्रा में डाटा को सेव नहीं कर पाते क्योंकि इस मेमोरी की डाटा सेव करने की क्षमता बहुत ही कम होती है।
  • सीपीयू के साथ प्राइमरी मेमोरी कम्युनिकेशन करती है।

2. Secondary Memory (सेकेंडरी मेमोरी)

कंप्यूटर के दूसरे मेमोरी को हम सेकेंडरी मेमोरी के नाम से जानते हैं, कंप्यूटर को चलाने में सेकेंडरी मेमोरी का भी एक अहम हिस्सा रहता है, सेकेंडरी मेमोरी को कंप्यूटर के द्वारा सिद्ध एक्सेस नहीं किया जा सकता इस कंप्यूटर से अलग जोड़ा जाता है।

सेकेंडरी मेमोरी एक तरह की non-volatile मेमोरी है इसका मतलब यह है, कि इसके अंदर आपका डाटा हमेशा के लिए से रहता है, यानी कि अगर आपका कंप्यूटर किसी कारण वंश बंद हो जाए तो भी आपका डाटा इसके अंदर से पड़ा रहता है।

ज्यादातर सेकेंडरी मेमोरी का इस्तेमाल डाटा को परमानेंटली स्टोर करने के लिए किया जाता है, क्योंकि अगर किसी को अपने इंपोर्टेंट डाटा की आवश्यकता भविष्य में पड़े तो वह अपना से किया हुआ डाटा निकाल पाए।

अगर हम बात करें सेकेंडरी मेमोरी की तो प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सेकेंडरी मेमोरी के अंदर डाटा सेव करने की क्षमता अधिक होती है, इसी कारण हम इसके अंदर अधिक मात्रा में अपने डाटा को सेव कर सकते हैं।

इसका इस्तेमाल वीडियो, ऑडियो, फाइल, इमेज सेव करने के लिए किया जाता है

सेकेंडरी मेमोरी को सीपीयू सीधा एक्सेस नहीं कर सकता अगर यह ऐसा करता है, तो विशेष सेकेंडरी मेमोरी के सभी डाटा को प्राइमरी मेमोरी में ट्रांसफर करना होता है, ऐसा करने के पश्चात ही सीपीयू सेकेंडरी मेमोरी को एक्सेस कर पाएगा

एक्सटर्नल मेमोरी या सहायक मेमोरी के नाम से भी इन मेमोरी को जाना जाता है, इन मेमोरी की सहायता से डाटा को एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर में ट्रांसफर करना भी बहुत आसान हो जाता है।

प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सेकेंडरी मेमोरी बहुत अधिक सस्ती होती है, सेकेंडरी मेमोरी के उदाहरण कुछ इस प्रकार है जैसे हार्ड डिस्क , pendrive , DVD, CD, और मैग्नेटिक टेप आदि।

3. Cache Memory (कैश मेमोरी)

तेज गति से कार्य को समाप्त करने वाली मेमोरी Cache मेमोरी होती है, सीपीयू की स्पीड और परफॉर्मेंस को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

कैश मेमोरी एक हाई स्पीड के पद पर कार्य करती है। जिसका आकार भले ही छोटा हो लेकिन प्राइमरी मेमोरी से तेज होता है,

इस मेमोरी को एक्स एक्स करना बहुत ही सरल है और सीपीयू इसे तेज गति से एक्सेस भी कर लेता है, किसी भी अन्य डिवाइस के द्वारा इस मेमोरी को एक्सेस नहीं किया जा सकता।

जिसका इस्तेमाल सीपीयू नियमित रूप से करता हो कैश मेमोरी में उसी डाटा को स्टोर करके रखता है। जब भी सीपीयू को किसी पुराने डेटा की आवश्यकता पड़ती है तो वह सबसे पहले कैश मेमोरी के अंदर उस पुराने डाटा को ढूंढ कर निकालता है।

कैश मेमोरी के प्रकार

  • L1 Cache
  • L2 Cache
  • L3 Cache

Register (रजिस्टर)

कंप्यूटर की सबसे छोटी मेमोरी को रजिस्टर कहते हैं और यह कंप्यूटर के अंदर सबसे छोटी होती है, सीपीयू के अंदर बहुत सारे कार्यों को पूरा करने के लिए रजिस्टर मेमोरी का इस्तेमाल किया जाता है।

कोई भी इनपुट जब हम कंप्यूटर को देते हैं तो दिया गया इनपुट रजिस्टर में स्टोर हो जाता है, और कंप्यूटर के प्रोसेसिंग के बाद जो भी आउटपुट प्राप्त होता है। रजिस्टर के द्वारा ही वह आउटपुट प्राप्त होता है तो हमारा यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि सीपीयू के द्वारा डाटा को प्रोसेस करने का कार्य किया जाता है

यह बिल्कुल भी मुख्य मेमोरी का हिस्सा नहीं है, डाटा और निर्देशों को यह मेमोरी से करने का कार्य करती है इन निर्देशों का प्रयोग तुरंत किसी कार्य को करने के लिए किया जाता है।

रजिस्ट्री की संख्या पर ही कंप्यूटर के कार्य करने की स्पीड मौजूद होती है, अर्थात जितना ज्यादा कंप्यूटर में रजिस्टर होगा कंप्यूटर ना उतनी ही स्पीड से कार्य करेगा

रजिस्टर कई प्रकार के होते है जैसे :- अड्रेस रजिस्टर , प्रोग्राम काउंटर और डेटा रजिस्टर आदि।

  • Data Register
  • Program Counter
  • Instructor Register
  • Accumulator
  • Address Register
  • I/O Register

ऊपर दिए गए सभी प्रकार रजिस्टर के ही प्रकार है।

Conclusion :-

तो दोस्तों कैसा लगा आपको हमारा आज का यह आर्टिकल Computer Memory in Hindi आज के इस आर्टिकल में हमने आपको कंप्यूटर मेमोरी से जुड़ी तमाम जानकारियां दी है, और साथ ही हमने आपको कंप्यूटर मेमोरी के कुछ प्रकार से भी अवगत करवाया है।

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